GST काउंसिल का बड़ा फैसला: अब क्या होगा सस्ता और क्या होगा महंगा?

दिसम्बर 24, 2025 12:11 पूर्वाह्न

GST काउंसिल की 56वीं बैठक में कई बड़े टैक्स सुधार किए गए। इस मीटिंग के बाद रोज़मर्रा के सामान से लेकर कार, सीमेंट, दवाइयां और कंज्यूमर गुड्स तक की कीमतों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। जहां एक तरफ आवश्यक वस्तुएं और छोटे वाहन सस्ते होंगे, वहीं लक्ज़री प्रोडक्ट्स और ‘सिन गुड्स’ (तंबाकू, गुटखा, फिज़ी ड्रिंक्स) और भी महंगे हो जाएंगे।


✅ क्या-क्या हुआ सस्ता?

🥛 रोज़मर्रा की ज़रूरी चीज़ें

  • UHT मिल्क, पनीर, पराठा, पिज़्ज़ा ब्रेड, खाखरा और रोटी → अब पूरी तरह GST फ्री
  • बटर, घी, चीज़, जैम, सॉस, सूप, पास्ता, नमकीन, कन्फेक्शनरी → अब सिर्फ़ 5% GST (पहले 12–18%)
  • सूखे मेवे (बादाम, काजू, पिस्ता), खजूर और सिट्रस फ्रूट्स → 5% टैक्स

💊 हेल्थकेयर सेक्टर

  • जीवन रक्षक दवाइयाँ (Agalsidase Beta, Onasemnogene, Daratumumab, Alectinib) → पूरी तरह टैक्स-फ्री
  • मेडिकल डिवाइस, डायग्नोस्टिक किट्स, बैंडेज, थर्मामीटर, ऑक्सीजन → अब 5% GST (पहले 12–18%)

🧴 पर्सनल केयर और कंज्यूमर गुड्स

  • हेयर ऑयल, शैंपू, टूथपेस्ट, साबुन, शेविंग प्रोडक्ट्स, टैल्कम पाउडर, टूथब्रश → अब सिर्फ़ 5% GST
  • स्टेशनरी (कॉपी, पेंसिल, शार्पनर, इरेज़र) → अब और सस्ती
  • खिलौने, स्पोर्ट्स गुड्स, हस्तशिल्प, बांस और बेंत से बने फर्नीचर → अब लो-टैक्स ब्रैकेट

🚜 ट्रांसपोर्ट और हाउसिंग

  • सीमेंट → 28% से घटाकर 18%
  • छोटे वाहन:
    • मोटरसाइकिल (<350cc)
    • छोटी कारें (पेट्रोल/डीजल <1200–1500cc, लंबाई <4m)
    • इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन
    • ट्रैक्टर और एंबुलेंस → टैक्स रेट्स घटाए गए
  • पर्यावरण-हितैषी बिल्डिंग मैटेरियल (फसल अवशेष से बने बोर्ड, मार्बल/ग्रेनाइट ब्लॉक्स) → अब 5% GST

❌ क्या-क्या हुआ महंगा?

🚬 तंबाकू और सिन गुड्स

  • पान मसाला, गुटखा, चबाने वाला तंबाकू, सिगरेट → अब 40% GST (पहले 28%)
  • कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कैफीन युक्त पेय, फ्रूट-बेस्ड फिज़ी ड्रिंक्स → अब 40% GST

🚙 लक्ज़री प्रोडक्ट्स

  • SUVs और बड़ी कारें (>1200cc/1500cc)
  • हाई-एंड मोटरसाइकिलें (>350cc)
  • यॉट्स और प्राइवेट एयरक्राफ्ट
  • रिवॉल्वर और पिस्तौल → सभी पर 40% GST

🏭 अन्य वस्तुएं

  • कोयला, लिग्नाइट और पीट → 18% (पहले 5%)
  • बायोडीज़ल (डीजल में न मिला हो) → 18% (पहले 12%)
  • महंगे कपड़े और टेक्सटाइल (₹2500 से ऊपर) → अब 18% GST
  • महंगी कॉटन क्विल्ट्स → 18% टैक्स
  • पेपर प्रोडक्ट्स (अनकोटेड और क्राफ्ट पेपर) → 18% GST

📊 उपभोक्ताओं पर असर

  • ✅ आम आदमी की जेब हल्की होगी रोज़मर्रा के सामान, दवाइयों और छोटे वाहनों पर।
  • ❌ लेकिन लक्ज़री लाइफस्टाइल अपनाने वालों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
  • 📈 सरकार का मकसद है आवश्यक वस्तुओं को सस्ता और हानिकारक/लक्ज़री वस्तुओं को महंगा करना।

🔍 विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि यह टैक्स रीस्ट्रक्चरिंग भारत की अर्थव्यवस्था को मांग आधारित बनाने में मदद करेगी।

  • आम जनता को ज़रूरी सामान कम दाम पर मिलेगा → खपत बढ़ेगी।
  • लक्ज़री प्रोडक्ट्स और तंबाकू पर ज्यादा टैक्स → राजस्व में वृद्धि और हेल्थ अवेयरनेस

📝 निष्कर्ष

GST काउंसिल का यह बड़ा फैसला भारतीय बाज़ार और उपभोक्ताओं दोनों के लिए अहम है। एक तरफ आम आदमी को राहत मिलेगी, दूसरी तरफ सरकार को राजस्व का नया स्रोत मिलेगा।
आने वाले समय में इसका असर महंगाई दर और खपत पैटर्न पर साफ तौर पर दिखाई देगा।

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