🔹 परिचय
आज की आधुनिक जीवनशैली ने जहाँ महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया है, वहीं दूसरी ओर कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ भी जन्म दी हैं। उनमें से एक है कैंसर। आंकड़े बताते हैं कि भारत समेत पूरी दुनिया में महिलाओं में कैंसर के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। विशेषकर ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर सबसे आम रूप में सामने आ रहे हैं।
महिलाओं में कैंसर के बढ़ने के पीछे कई प्रमुख कारण हैं—आनुवांशिकता, हार्मोनल बदलाव, जीवनशैली, संक्रमण और जागरूकता की कमी। अगर इन कारणों को समय रहते समझा जाए और सावधानियाँ बरती जाएँ तो कैंसर का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।
🔹 महिलाओं में कैंसर के प्रमुख कारण
1. उम्र और हार्मोनल परिवर्तन
✔️ 40 से 50 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं में कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
✔️ इस उम्र में हार्मोनल बदलाव तेज़ी से होते हैं।
✔️ जल्दी पीरियड्स शुरू होना या देर से मेनोपॉज आना भी जोखिम को बढ़ाता है।
➡️ खासकर ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर का खतरा इस समय अधिक होता है।
2. आनुवांशिक और पारिवारिक कारण
✔️ BRCA1 और BRCA2 जीन में गड़बड़ी स्तन और ओवरी कैंसर का जोखिम कई गुना बढ़ा देती है।
✔️ यदि परिवार में किसी को पहले कैंसर हो चुका है, तो अगली पीढ़ी में भी इसका खतरा अधिक रहता है।
➡️ इसलिए जिन महिलाओं के परिवार में कैंसर का इतिहास हो, उन्हें नियमित जेनेटिक टेस्टिंग और स्क्रीनिंग करानी चाहिए।
3. जीवनशैली संबंधी कारण
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में महिलाओं की जीवनशैली कैंसर को बढ़ावा दे रही है।
- फिजिकल एक्टिविटी की कमी – एक्सरसाइज न करना और लंबे समय तक बैठकर काम करना।
- वजन बढ़ना और मोटापा – हार्मोनल असंतुलन और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर का कारण।
- खराब खान-पान – जंक फूड, तैलीय व प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन।
- शराब और धूम्रपान – कैंसर का बड़ा कारण।
- तनाव – मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर असर।
👉 साथ ही, 30 साल की उम्र के बाद गर्भावस्था और स्तनपान न कराना भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ाता है।
4. संक्रमण और अन्य रोग
✔️ सर्वाइकल कैंसर का सबसे बड़ा कारण है HPV वायरस, जो यौन संपर्क से फैलता है।
✔️ इसके अलावा पहले रेडिएशन थेरेपी झेल चुकी महिलाओं में भी कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।
✔️ कमजोर इम्यूनिटी या लगातार संक्रमण भी कैंसर की ज़मीन तैयार कर सकता है।
5. जागरूकता और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
भारत और विकासशील देशों में कैंसर बढ़ने का एक बड़ा कारण है जागरूकता की कमी।
- महिलाएँ शुरुआती लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेतीं।
- समय पर स्क्रीनिंग टेस्ट (मेमोग्राफी, पैप स्मीयर) नहीं करातीं।
- स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और इलाज में देरी से कैंसर आगे बढ़ जाता है।
🔹 महिलाओं में सबसे आम कैंसर
- ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर)
- महिलाओं में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर।
- शुरुआती लक्षण: स्तन में गांठ, निप्पल से असामान्य स्राव, आकार में बदलाव।
- सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर)
- HPV संक्रमण इसका मुख्य कारण।
- लक्षण: असामान्य रक्तस्राव, पेल्विक दर्द।
- ओवरी कैंसर
- आनुवांशिक और हार्मोनल कारण प्रमुख।
- लक्षण: पेट में सूजन, गैस, भूख न लगना।
- एंडोमेट्रियल कैंसर
- गर्भाशय की परत का कैंसर।
- लक्षण: असामान्य रक्तस्राव, मासिक धर्म में गड़बड़ी।
🔹 महिलाओं को कब सतर्क होना चाहिए?
❌ स्तन या बगल में गांठ महसूस होना।
❌ पीरियड्स के बीच असामान्य रक्तस्राव।
❌ लगातार पेट दर्द या सूजन।
❌ थकान और कमजोरी।
❌ वजन तेजी से घटना।
❌ मूत्र या मल में खून आना।
👉 इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
🔹 बचाव और रोकथाम के उपाय
✔️ समय पर स्क्रीनिंग कराएं
- 30 साल के बाद हर महिला को नियमित मेमोग्राफी और पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए।
✔️ संतुलित जीवनशैली अपनाएं
- नियमित व्यायाम करें।
- मोटापे से बचें।
- तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान करें।
✔️ सही खान-पान करें
- हरी सब्जियाँ, फल और एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार लें।
- शराब और धूम्रपान से पूरी तरह बचें।
✔️ स्तनपान को बढ़ावा दें
- स्तनपान से माँ और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य बेहतर होता है और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा घटता है।
✔️ टीकाकरण कराएं
- HPV वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए प्रभावी है।
✔️ नियमित हेल्थ चेकअप कराएं
- आनुवांशिक कारणों के चलते उच्च जोखिम वाली महिलाओं को समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
🔹 निष्कर्ष
महिलाओं में कैंसर के मामले इसलिए तेजी से बढ़ रहे हैं क्योंकि जीवनशैली में बदलाव, तनाव, गलत खानपान और जागरूकता की कमी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
👉 लेकिन समय पर जांच, स्वस्थ जीवनशैली और सही जानकारी से कैंसर की रोकथाम संभव है।
👉 महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए और शुरुआती लक्षणों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
