महिलाओं में कैंसर के मामले पुरुषों से ज़्यादा, लेकिन मृत्यु दर कम — जानिए क्या कहती है नई रिसर्च

दिसम्बर 24, 2025 12:00 पूर्वाह्न

📌 परिचय

हाल ही में आए स्वास्थ्य आंकड़ों ने एक चौंकाने वाला तथ्य सामने रखा है—महिलाओं में कैंसर की दर पुरुषों की तुलना में अधिक है, लेकिन इसके बावजूद उनकी मृत्यु दर कम है। यह विरोधाभास वैज्ञानिकों और डॉक्टरों दोनों को सोचने पर मजबूर कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे बेहतर स्क्रीनिंग, इलाज और जीवनशैली बदलाव अहम भूमिका निभा रहे हैं।


📊 महिलाओं में बढ़ती कैंसर दर

  • 2021 में 50 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में कैंसर के केस पुरुषों से 82% अधिक दर्ज किए गए।
  • 2002 में यह अंतर केवल 51% था, यानी पिछले दो दशकों में यह तेजी से बढ़ा है।
  • सबसे तेज़ वृद्धि स्तन कैंसर और गर्भाशय कैंसर के मामलों में देखी गई है।

🩺 मृत्यु दर क्यों हो रही है कम?

हालांकि कैंसर के केस बढ़ रहे हैं, लेकिन मौतों की संख्या घट रही है। इसके पीछे कई कारण हैं:

  • नियमित जांच (Screening): मैमोग्राफी और पैप स्मीयर टेस्ट से कैंसर का शुरुआती चरण में पता चल रहा है।
  • बेहतर इलाज: कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी की नई तकनीकों ने सफलता दर बढ़ाई है।
  • जागरूकता: महिलाओं में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता पहले से कहीं अधिक बढ़ी है।
  • धूम्रपान में कमी: विशेषकर विकसित देशों में महिलाओं ने धूम्रपान कम किया है, जिससे फेफड़ों के कैंसर के केस घटे हैं।

🔎 स्वास्थ्य–मृत्यु विरोधाभास (Health–Survival Paradox)

वैज्ञानिक इसे Health–Survival Paradox कहते हैं। इसका मतलब है कि महिलाएं बीमारियां ज्यादा झेलती हैं, लेकिन उनकी जीवन प्रत्याशा (life expectancy) पुरुषों से अधिक होती है। कैंसर के मामलों में भी यही ट्रेंड देखने को मिला है।


🛡️ महिलाओं के लिए ज़रूरी सावधानियाँ

👉 यदि महिलाएं समय रहते ये कदम उठाएं तो कैंसर का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है:

  • HPV वैक्सीन लगवाना (सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए)
  • नियमित स्क्रीनिंग टेस्ट करवाना
  • संतुलित आहार और व्यायाम
  • धूम्रपान और शराब से दूरी
  • तनाव कम करने के उपाय (योग, ध्यान, सकारात्मक सोच)

🌍 भारत में स्थिति

  • भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर सबसे आम हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी जागरूकता और स्क्रीनिंग की कमी एक बड़ी चुनौती है।
  • सरकार और NGO द्वारा चलाई जा रही योजनाएँ धीरे-धीरे प्रभाव दिखा रही हैं, लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है।

📝 निष्कर्ष

नई रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि कैंसर का बोझ महिलाओं पर बढ़ रहा है, लेकिन समय पर जांच और बेहतर इलाज से मौतों में कमी आई है। यदि महिलाएं नियमित हेल्थ चेकअप और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी सफलतापूर्वक मुकाबला किया जा सकता है।

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